अयोध्या मामले में भले ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण शुरू हो गया हो लेकिन एक बार बाद एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। अयोध्या में फैसला आने के बाद यहां आईएएस अफसरों और मंत्रियों, नेताओं, विधायकों, अयोध्या के मेयर और तमाम रसूखदार लोगों ने ओने पौने दामों पर जमीन खरीदी और ये सौदे या तो राम मंदिर फैसला आने के ठीक पहले हुए या फिर उसी के आस-पास।
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यह बात काफी हैरान करने वाली है क्योंकि अयोध्या जैसे हाई प्रोफाइल मामले में इस तरह की लापरवाही काफी हैरान करती है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस मामले में अब सीएम योगी ने कड़ी कार्यवाही करने का फैसला कर लिया है और उनकी नजरें टेढ़ी हो गईं हैं। योगी ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि देखने वाली बात यह है कि जांच कितने समय में पूरी होगी और चुनाव प्रचार के बीच क्या गुल खिलाएगी?
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि यह जो जांच करवाई जा रही है यह उन्हीं लोगों के द्वारा हो रही है, जिनके करीबी रिश्तेदारों ने इस मामले में जमीनें खरीदी थीं। एक हैरान करने वाली बात यह भी है कि जिन जमीनों को अधिग्रहित किया गया था उनमें से ज्यादातर जमीने दलित समुदाय से जुड़े हुए लोगों की हैं। अभी ये देखना काफी दिलचस्प होने वाला है कि चुनावी दौर में यह मुद्दा कितना गुल खिलाता है।
एक बात यह भी है इतने संवेदनशील मामले में सचिव राधेश्याम मिश्रा को इस जांच का कार्यभार सौंपा गया है। उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि 5 दिन के अंदर डिटेल में जांच की जाए और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाए।और चुनावी मौसम में इस बात को लेकर माहौल ना बनाया जाए, आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। इस मुद्दे के सामने आने के बाद विपक्ष को बैठे-बिठाए एक जबरदस्त राजनीतिक मुद्दा मिल गया है। जिस पर जबरदस्त तरीके से सियासत गर्मा रही है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे जमकर उछाल दिया है। रणदीप सुरजेवाला तो बाकायदे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है।
इस मामले में कुछ लोगों ने जमीन खरीदने की बात स्वीकार की है तो कुछ लोगों ने इससे साफ इनकार कर दिया है। जमीन खरीदने वालों से उनका कोई संबंध नहीं है। बात करें राहुल गांधी की तो राहुल गांधी भी इस मामले में कूद पड़े हैं। राहुल गांधी ने से हिंदुत्ववाद से जोड़ते हुए अपनी बात कही है। राहुल गांधी ने कहा है कि इस मामले को आप राजनीतिक मुद्दा बनाया जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि हिंदू सत्य के रास्ते पर चलता है और अयोध्या में भगवान राम के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।