बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया! जी हां! कभी आम लोगों के लिए कही जाने वाली ये कहावत अब साधु-संतों पर भी फिट बैठती दिख रही है। संत परंपरा में गुरु को ही सबसे बड़ा माना जाता है। गुरु ही माता, गुरु ही पिता होता है। लेकिन उसके बावजूद आनंद गिरी और नरेंद्र गिरी का मामला हैरान करने वाला है। नरेंद्र गिरी की मौत के बाद जैसे-जैसे चीज़ें सामने निकलकर चीजें आ रही हैं, वैसे-वैसे लोग हैरान हो रहे हैं। नरेंद्र गिरी कांड में फिलहाल सुसाइड एंगल से ही जांच आगे बढ़ाई जा रही है। सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी और दो अन्य लोगों पर आरोप लगाए थे। आपको बता दें इस साल मई के महीने से ही आनंद गिरी और नरेंद्र गिरी का तीखा विवाद चल रहा था। आनंद गिरि ने मीडिया में अपने गुरु के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया था। चेले ने गुरु पर मठ की संपत्ति हड़पने जैसे कई आरोप पर लगाए थे। हालांकि जैसे-जैसे आनंद गिरि को लेकर जांच आगे बढ़ रही है, उसकी लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारियां भी लगातार सामने आ रही हैं। उसकी लाइफस्टाइल लोगों को हैरान करने वाली है। आनंद गिरी को छोटे महाराज कहा जाता था। लेकिन इस छोटे महाराज के बड़े- बड़े शौक देखकर हर कोई हैरान है। महंगी-महंगी कारें, स्टायलिश स्पोर्ट्स बाइक, तामझाम वाले कपड़े, 1 लाख के जूते पहनना किसी किसी साधारण साधु संत के बस की बात नहीं है। अगर आनंद गिरि ने अकूत संपत्ति इकट्ठा नहीं की तो फिर ये सब माल -पानी आया कहां से। आनंद गिरि के बारे में बताया गया है कि उसके ऑस्ट्रेलिया में भी बिजनेस भी चलते हैं। ऑस्ट्रेलिया में वो अपने प्ले स्कूल का बिजनेस चलाता है। इसके अलावा वो दुनिया के अलग-अलग देशों से मैं घूमता रहा है। उसने खुद स्वीकार किया कि नरेंद्र गिरी से झगड़े के बाद ज्यादातर विदेश में ही रहने लगा था। लेकिन अब जो चीजें धीरे-धीरे निकल कर सामने आ रही हैं, वो काफी ज्यादा हैरान करने वाली हैं। आनंद गिरि के बॉलीवुड कनेक्शन भी सामने आ गए हैं। बॉलीवुड में संबंधों को लेकर बताया जा रहा है कि उसने ऐसे ऐसे गलत काम किए हैं कि उसके भक्त अपने कानों पर विश्वास नहीं कर पाएंगे। शायद इसी रसूख का ये आलम था कि नरेंद्र गिरी का सबसे खास चेला ही उनके लिए चुनौती बन गया था। तो आइए आपको बताते हैं कि क्या है वह आनंद गिरि का वो बॉलीवुड कनेक्शन…
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आनंद गिरि का हरिद्वार में गंगा किनारे एक लग्जरी आश्रम बन रहा है। बताते हैं ये आश्रम सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर बनाया जा रहा था। इसके लिए ना तो नक्शा पास करवाया गया था और न हीं जरूरी नियमों का पालन किया गया था। नियमों के मुताबिक गंगा से 200 मीटर की दूरी तक कोई भी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती। लेकिन आनंद गिरि के आश्रम में इस बात का कोई ध्यान नहीं रखा गया। कमाल की बात ये है कि किसी अधिकारी ने भी यहां तक आने की हिम्मत नहीं की। क्योंकि सभी आनंद गिरि के पॉलिटिकल पॉवर से परिचित थे। ये लग्जरी आश्रम हरिद्वार से 10 किलोमीटर दूर गाजीवाली गांव में बन रहा है। गांव वाले बताते हैं कि कोरोना के दौरान जब सारे काम धंधे बंद तब यहां तेजी के साथ काम हुआ। इतना ही नहीं कुंभ के दौरान भी यहां पर खूब काम चला। आपको बता दें इसी इलाके में स्प्रिचुअल गुरु भरत ठाकुर का भी आश्रम है। भरत ठाकुर बॉलीवुड हीरोइन भूमिका चावला के पति हैं। भूमिका चावला वही हैं जो सलमान खान के साथ तेरे नाम फिल्म में नजर आई थीं। लोकल गांव वाले बताते हैं की आनंद गिरी और ऐसे ही कई बड़े-बड़े लोगों ने यहां अपने आश्रम और होटल बनवा रखे हैं। ये सब बिजनेस के लिए खोले गए हैं। गांव वाले कहते हैं इन आश्रमों में 8 से 10 फीट ऊंची दीवार है। यहां टूरिस्ट आते हैं और अंदर जाकर गायब हो जाते हैं। यहां अंदर क्या खेला चलता है किसी को कुछ नहीं पता।
यही नहीं उत्तराखंड सरकार के एक मंत्री का आश्रम भी यही है। कहते हैं कि जमीन की कीमतों ने भी जबरदस्त उछाल मारा है। ये आश्रम मरने के बाद ज़मीन की कीमत 600 स्क्वायर फुट से लेकर 1500 स्क्वायर फुट तक हो गई है।

कल जब पत्रकार आश्रम पर पहुंचे तब जाकर हरिद्वार-रुड़की डेवलपमेंट अथॉरिटी की टीम ने इस आश्रम को सील किया। करीब 10 लोगों की टीम इस आश्रम को सील करने आई थी। उन्होंने भी इसे सील करने के पीछे वही कारण बताएं जो हम आपको बता चुके हैं। मीडिया वालों ने जब टीम से पूछा कि ये कार्रवाई पहले क्यों नहीं की गई? इस पर टीम को लीड कर रहे अधिकारी ने बताया कि ये एक्शन मई में भी लिया गया था। लेकिन उसके बाद इन लोगों ने सील तोड़ कर काम दोबारा चालू करवा दिया।
आनंद गिरि फिलहाल जेल में है और उसका आश्रम भी सील हो चुका है। लेकिन इसके बावजूद उसके चेलों के हौसले बुलंद लगते हैं। आश्रम सील होते समय मौके पर आनंद गिरी के 3 चेले मीडिया वालों को मिले। पत्रकारों ने जब पूछा तो उन्होंने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया। हालांकि चेलों ने कहा कि उनका वक्त खराब चल रहा है। जब सच्चाई सामने आएगी तो सब कुछ फिर सही हो जाएगा। चेलों के कॉन्फिडेंस से लग रहा था कि उन्हें आनंद गिरि की पॉलीटिकल पॉवर पर अभी भी पूरा भरोसा है।