रामायण की पंक्ति है सब दिन एक न होत समाना। यानी हर बार समय एक जैसा नहीं रहता। लालू यादव को देखने पर भी यह बात दोबारा समझ में आती है। कहते हैं लालू यादव पटना के बेउर जेल से जमानत पर बाहर निकले। वक़्त था 9 जनवरी 1999। वह हाथी पर बैठकर अपने निवास स्थान पहुंचे थे। वहीं 2021 जनवरी में जेल के दौरान जब रांची के रिम्स अस्पताल से दिल्ली एम्स में रेफर किया गया था तो वह व्हीलचेयर पर थे। उनके करीबी बताते हैं कि इन दिनों उनका ज्यादातर समय व्हीलचेयर पर ही बीत रहा है।
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दशकों पहले हुए 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाला के सबसे बड़े केस यानी डोरंडा ट्रेजरी से 140 करोड रुपए का गबन होने की बात सामने आई थी। चारा घोटाले को देश के अब तक के सबसे बड़े घपलों में से माना जाता है सीबीआई की जिस अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू सहित 75 आरोपियों को दोषी माना है, उसने कहा है कि 21 फरवरी को सजा का ऐलान होगा। लालू के अलावा 24 और लोग भी इस मामले में नपे रहे हैं। लालू के वकील की रिक्वेस्ट पर उन्हें जेल में भेजकर रिम्स भेज दिया गया है। कहा जा रहा है कागज़ी लिखा पढ़ी पूरी होने के बाद कोर्ट से होटवार जेल गए हैं। उसके बाद उनको रिम्स लेकर जाया गया। 21 फरवरी तक उनको यहीं रहना होगा।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आरजेडी सुप्रीमो के दोषी होने के बाद जैसे ही खबर बाहर आई पटना से लेकर रांची तक आरजेडी दफ्तरों के बाहर सन्नाटा पसर गया है। हालांकि पुलिस की तैनाती भी कड़ी कर दी गई है। कहा जा रहा है आज 3 साल से कम वालों को सजा सुनाई गई है। लालू सहित 10 लोगों की सजा अलग से सुनाई जाएगी। ऐसे में मान के चल रहे हैं कि उनको 3 साल से अधिक की सजा हो सकती है। हाईकोर्ट के सीनियर वकीलों का कहना है कि लालू के क्वेश्चन ऑफ सेंटेंस पर 21 फरवरी को फैसला होना है इसीलिए मेडिकल आधार पर उन को शिफ्ट करने की बात चली है।
यहां बताना जरूरी है कि कोर्ट में जब सुनवाई हो रही थी तो लालू के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि अभियुक्तों की उम्र 75 साल से ज्यादा है। लालू खुद भी जेल जाने की हालत में नहीं हैं। ऐसे में कोर्ट से राहत की बहुत उम्मीद है। पहले वाले मामलों में स्थितियां अलग थीं, आज मामला दूसरा है। लालू की पत्नी राबड़ी देवी के आवास के बाहर भी सन्नाटा पसरा देखा गया है।। तेजस्वी यादव राबड़ी देवी के साथ ही हैं। लालू की पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी पटना में ही है। लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती रांची में अपने पति के साथ हैं। लालू से पहले लालू की बड़ी बेटी मीसा उनसे मिलने रांची भी पहुंची थीं। स्टेट गेस्ट हाउस में उन्होंने लालू प्रसाद बात की थी और बाद में सिर्फ इतना कहा था कि उनके पिता की तबीयत खराब है।
हालांकि जांच एजेंसियों पर भी इस मामले में कई तरह के सवाल उठ सकते हैं। 575 गवाहों का बयान दर्ज कराने में सीबीआई को 15 साल का समय निकल गया। 99 में से 93 आरोपी सप्लायर हैं जबकि 33 आरोपी पशुपालन विभाग से जुड़े हुए अधिकारी और कर्मचारी हैं। वहीं 6 लोग ट्रेजरार से जुड़े हुए लोग हैं जबकि 6 लोग ऐसे हैं जिन्हें सीबीआई आज तक ढूंढ ही नहीं सकी है। एक अहम बात यह भी है कि जिन गाड़ी नंबरों को पशुपालन विभाग के रजिस्टर में दिखाया था, वह सभी स्कूटर और मोपेड के नंबर थे। कई टन पशुचारा, भूसा, मकई, बादाम और खली आदि स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड पर लादकर लाये गए। देश के कई राज्यों के 150 आरटीओ से गाड़ी नंबर की जांच करवा कर यह रिपोर्ट दर्ज की गई।
यही नहीं इसी तरह से हरियाणा से अच्छी नस्ल के सांड़, बछिया और हाइब्रिड वाली भैंस खरीदने के लिए उनको स्कूटर से झारखंड लाया गया। जबकि जिससे यहां अच्छी नस्ल की गाय और भैंस से पैदा हो सके। डोरंडा ट्रेजरी से 140 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में स्कूटर, बाइक से ढोने की कहानी भी अजब हास्य पैदा करती है। पूरा मामला 1990 92 के बीच का है। सीबीआई ने कहा है कि नेताओं और अफसरों ने मिलकर जमकर फर्जीवाड़ा किया। 460 गाय और सांड को हरियाणा-दिल्ली से स्कूटर-बाइक पर रांची तक लाया गया, ऐसा कागजों में दिखाया गया है।