Jai Vilas Palace: भारत राजाओं और महाराजाओं का देश रहा है। यहां एक से बढ़कर एक प्रतापी और धनवान राजा हुए हैं, जिनकी संपत्ति आज के समय में करोड़-अरबों में है। इन्हीं राजाओं में से एक थे जयाजीराव सिंधिया, जो ग्वालियर रियासत के महाराजा थे। उन्होंने एतिहासिक जयविलास महल बनवाया था। आज इसी महल में ग्वालियर रियासत के अंतिम महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के पोते और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रहते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता माधवराव सिंधिया के नक्शे-कदम पर चलते हुए राजनीति में अलग मुकाम हासिल किया। अब वे बीजेपी में शामिल होकर मोदी सरकार में ओहदेदार मंत्री बन गए हैं।
सिंधिया घराने की समृद्धि और विलासिता का अंदाजा ग्वालियर स्थित जयविलास पैलेस की भव्यता से लगाया जाता है। 4000 करोड़ की अनुमानित कीमत वाले इस महल में 400 कमरे हैं, जबकि नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में कुल 340 कमरे हैं। जयविलास पैलेस 12 लाख वर्ग फीट से भी ज्यादा बड़ा है। महाराजा जयाजीराव सिंधिया ने वर्ष 1874 में जयविलास महल बनवाया था। महल का डिजाइन ब्रिटेन के सर माइकल फिलोस ने तैयार किया था। कहा जाता है कि इस विशाल महल को प्रिंस जॉर्ज और प्रिंसेस मैरी के स्वागत में बनाया गया था, जो 1876 में भारत आए थे।
जयविलास पैलेस खासियत कई मायनों में है। महल की सीलिंग यानि छत पर सोने जड़े हुए हैं। तीन मंजिले महल की अंदरूनी सजावट में 560 किलोग्राम सोना जड़ा हुआ है। महल की सीलिंग से दो झूमर लटके हुए हैं जिनका वजन 3500 किलोग्राम है। इन झूमरों को बेल्जियम के कलाकारों ने तैयार किया था। कहा जाता है कि झूमरों को सीलिंग में लगाने से पहले छत पर 10 हाथियों को चढ़ाया गया था। ऐसा यह पता लगाने के लिए किया गया था कि छत इतना वजन सहने लायक है या नहीं। करीब एक सप्ताह तक जांच की प्रक्रिया के बाद झूमरों को लगाया गया।
जयविलास महल के संग्रहालय की एक और प्रसिद्ध चीज है, जो लोगों का मन मोह लेती है और वो है चांदी की ट्रेन, जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हुई हैं और विशिष्ट दावतों में यह ट्रेन खाना परोसती चलती है। लेकिन, अब महल के 40 कमरों को म्यूजियम बना दिया गया है। म्यूजियम में कई ऐसी चीजें रखी हैं जो सिंधिया राजवंश की समृद्धि को दर्शाती हैं। साथ ही, ये ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। इनमें चांदी की बग्गी, झांसी की रानी की छतरी, मुगल बादशाह औरंगजेब और शाह आलम के जमाने की तलवारें और विंटेज कार शामिल हैं। भारतीय नागरिकों को यहां घूमने के लिए 150 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से टिकट लेना होता है, जबकि विदेशी नागरिकों के लिए टिकट की कीमत 800 रुपये है।
सिंधिया घराने को बेशुमार दौलत का मालिक बताया जाता है। सिंधिया घराने की संपत्ति में जयविलास पैलेस के अलावा दिल्ली का सिंधिया विला और ग्वालियर हाउस आदि शामिल है।