Madhya Pradesh:- मध्य प्रदेश में नक्सली वारदातों की एक लंबी फेहरिस्त है। इससे पता चलता है कि राज्य में न केवल लाल आतंक का दायरा बढ़ रहा है बल्कि दहशत भी बढ़ रही है। मध्य प्रदेश के कई जिलों में नक्सली सिर्फ इलाकों में धमकियों तक सीमित नहीं रहे हैं। अब लाल आंतक जानलेवा होता जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव पास करवा कर नक्सलियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने की तैयारी कर रही है। शिवराज सरकार नक्सलियों के लिए जल्द ही समर्पण नीति ला रही है। इसमें नक्सलियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
आत्म निर्भर बनने के लिए सरकार देगी लाभ
नक्सलियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार अब उनको पांच लाख रुपये नगद देने के साथ निशुल्क प्रधानमंत्री आवास और खेती के लिए जमीन भी देगी। पीड़ित परिवार को राहत देने का प्रावधान बनाया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने इसका प्रारूप तैयार कर कैबिनेट को भेज दिया है। अब कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मोहर लगना बाकी है। सरकार ने अब निर्णय लिया है कि नक्सलियों के पीड़ित परिवार को सरकार की तमाम योजनाओं से जोड़कर उनका लाभ दिया जाएगा।
नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा
डिडौंरी, मंडला बालाघाट तीन नक्सली प्रभावित क्षेत्र हैं, जहां पर लगातार नक्सली गतिविधियां होती हैं। जिस तरह सरकार अंकुश लगाने जा रही है। सरकार हाक फोर्स तैयार कर यहां पर जन हितैषी योजनाओं पर ध्यान देगी। नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में समिति बनेगी. यह समिति आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की पूरी पड़ताल करेगी। इस समिति में अन्य अधिकारियों के साथ-साथ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी शामिल होंगे।
कौशल विकास का दिया जाएगा परीक्षण
नक्सली के साथ समर्पण करने वाले नक्सलियों को राहत राशि के साथ-साथ उनका आयुष्मान कार्ड बनाकर निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा, खेती के लिए जमीन और मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह सम्मेलन में 51 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही 15 हजार रुपये का चेक भी दिया जाएगा। नक्सलियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।