नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) की बिसात बिछ चुकी है। यूपी में जातिगत मुद्दा चुनाव (UP Elections 2022) जीतने में सबसे अहम रोल प्ले करती है। चुनाव नज़दीक है ऐसे में एक बार फिर पार्टियों की नज़र राज्य के मुस्लिम वोटर पर हैं। फिर चाहे वो समाजवादी पार्टी (SP) हो, बहुजन समज पार्टी (BSP) हो, कांग्रेस (Congress) हो या फिर सूबे की सत्ता दल पार्टी बीजेपी (BJP) ही क्यों ना? इन सभी की नज़रे मुस्लिम वोटरों (Muslim Voters) पर टिकी हुई है क्योंकि यहां पर मुसलमान (Muslim Population) दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय (Muslim Community) हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि 24 करोड़ की आबादी (UP Population) वाले यूपी में करीब 3.8 करोड़ जनसंख्या मुस्लिमों की है। यानी की पुरे प्रदेश की जनसंख्या का 20 प्रतिशत इसी समुदाय की हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि यूपी के मुस्लिम मतदाताओं का 2022 के चुनाव में क्या रुख होगा? क्योंकि राज्य के कुल 143 सीटों (UP Total Assembly Seats) पर मुस्लिम अपना असर रखते हैं। जानें क्या है यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों का हाल ?
यूपी में पिछले दो विधानसभा चुनाव में 143 जिलों की सीटों पर मुसलमानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. मुस्लिम बहुल जिलों की विधानसभाओं के पिछले दो चुनावों के आंकड़े काफी हैरान करने वाले हैं. इनके विश्लेषण से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले चुनाव में इन जिलों में क्या परिस्थितियां हो सकती हैं और उनका चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ेगा.
मालूम हो कि 75 जिलों और 18 डिविजन में बंटा उत्तर प्रदेश वोटों के मामले में भी विभाजित है. इसमें रामपुर, फर्रुखाबाद और बिजनौर ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मुस्लिम आबादी करीब 40 फीसदी है. इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, रोहिलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की कई ऐसी सीटें हैं, जहां चुनावी नतीजों पर मुस्लिम वोट प्रभाव डालते हैं.
कुल मिलाकर बात करें तो उत्तर प्रदेश की 143 सीटों में से करीब 70 सीटें तो ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 20 से 30 प्रतिशत के बीच है तो वहीं 43 सीट ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 30 फीसदी से ज्यादा है. वहीं यूपी की तीन दर्जन यानी 36 सीटें तो ऐसी हैं, जहां पर मुस्लिम प्रत्याशी अपने दम पर जीत हासिल कर सकते हैं. जबकि 107 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुसलमान वोटर पार्टियों के हार या जीत तय कर सकते हैं.
वहीं अगर हम पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो, यहां 9 सीटें ऐसी हैं, जहां वोटों से प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला मुस्लिम वोटर ही करते हैं. इन 9 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद करीब 55 फीसदी है. इन 9 सीटों में मेरठ सदर, रामपुर सदर, संभल, मुरादाबाद ग्रामीण व कुंदरकी, अमरोहा नगर, धौलाना, सहारनपुर की बहट और सहारनपुर देहात शामिल हैं.
यूपी में किन जिलों मुस्लिमों की आबादी कितनी है?
सूबे के रामपुर जिले में सबसे ज्यादा 50.57 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. वहीं श्रावस्ती में 30.79 प्रतिशत, सुल्तानपुर में 20.92 प्रतिशत, मुरादाबाद में 47.12 प्रतिशत, मेरठ में 34.43 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर में 41.3 प्रतिशत, अमरोहा में 40.78 प्रतिशत, गाजियाबाद में 25.35 प्रतिशत, बिजनौर में 43.04 प्रतिशत, बरेली में 34.54 प्रतिशत, अलीगढ़ में 19.85 प्रतिशत, बलरामपुर में 37.51 प्रतिशत, बहराइच में 37.51 फीसदी, बागपत में 27.98 फीसदी, सिद्धार्थनगर में 29.23 फीसदी, सुल्तानपुर में 20.92 प्रतिशत, आजमगढ़ में 15.58 प्रतिशत आबादी है.
वहीं अमेठी में 20.06 फीसदी, गोंडा में 19.76 फीसदी, लखीमपुर खीरी में 20.08 फीसदी, लखनऊ में 21.46 फीसदी, मऊ में 19.46 फीसदी, महाराजगंज में 17.46 फीसदी,पीलीभीत 24.11 फीसदी, संत कबीर नगर में 23.58 फीसदी, सीतापुर में 19.93 फीसदी और वाराणसी में 14.88 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है. इसके अलावा अन्य जिलों में यह आबादी 10 से 15 फीसदी के बीच है.
साल विधायकों की संख्या2017 23 विधायक2012 64 विधायक
2007 54 विधायक
2002 64 विधायक
1996 38 विधायक
1993 28 विधायक