जयपुर: कोरोना संकट काल में हजारो लोग नौकरी से हाथ धो बैठे है वैसे, तो इसके कई उदाहरण मिल जाएंगे, मगर फिलहाल बात करते हैं, दुर्गा मीणा (Durga Meena) की जो इन दिनों सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित और वायरल हो रहे है। दुर्गा मीणा एक इंग्लिश टीचर थे लेकिन कोरोना संकट में उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी और मजबूरन वह चिलचिलाती धूप में साइकिल पर जोमैटो का ऑर्डर घर-घर पहुंचाने को मजबूर हो गया।लेकिन कहते है ना ,किस्मत में जो रहेगा वो कैसे भी मिल ही जायेगा दुर्गा मीणा (Durga Meena) जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। जिंदगी कभी-कभी हमारे साथ ऐसा खेल खेलती है, जिसकी हम कल्पना नहीं कर पाते। सोशल मीडिया (Social Media) पर दुर्गा मीणा (Durga Meena) जी लगन और मेहनत के किस्से सुनाये जा रहे है। सोशल मीडिया पर वायरल होने से उनकी जिंदगी ने ऐसी करवट ली है ,वह क्या से क्या हो गये।
दरअसल, दुर्गा मीणा 31 वर्षीय राजस्थान के रहने वाले है। यह हमेशा से ही फ़ूड डिलवरी बॉय नही थे। यह इंग्लिश टीचर थे लेकिन कोरोना संकट काल में मजबूरी में इन्हे यह करना पड़ा। बी-कॉम तक पढ़े दुर्गा हमेशा से डिलीवरी ब्वाय नहीं थे। करीब 12 साल तक वह प्राइवेट स्कूल में टीचर थे। अंग्रेजी पढ़ाते थे। कोरोना महामारी (Covid Pandemic) ने उनकी नौकरी खा ली। बेरोजगार हो गए, मगर पेट पालना था, तो जोमाटो में फूड डिलीवरी करने लगे।
चिलचिलाती धूप में साइकिल से खाना डिलिवर करने को मजबूर
चिलचिलाती धूप में दुर्गा मीणा ने तेज़ रफ़्तार में साइकिल चलयी और समय पर पहुंचकर आदित्य की कोल्ड्रिंक से प्यास बुझा दी। आदित्य दुर्गा मीणा के इस लगन और मेहनत को देखकर खुश हो गये। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरा मामला राजस्थान के भीलवाड़ा इलाके का है.आदित्य शर्मा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दुर्गा मीणा की कहानी और फोटो पोस्ट करते हुए कहा कि ‘आज मेरा ऑर्डर टाइम पर डिलीवर हुआ और हैरानी वाली बात ये है कि डिलीवरी बॉय साइकिल (Bicycle) पर आया था. शहर में तापमान 42 डिग्री है, लेकिन फिर भी ऑर्डर मुझे टाइम पर मिल गया.
‘आदित्य ने डिलीवरी बॉय के समय से तेज़ धूप में डिलीवर करने पर खुश हो गया तभी से उसने दुर्गा शंकर मीणा के लिए पैसे जुटाने की सोची और उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज पर डिलीवरी बॉय शंकर की यूपीआई आईडी शेयर की ताकि लोग सीधे पैसे उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर सके. आदित्य ने 75 हजार का टारगेट रखा था. कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया के जरिए काफी पैसे जुटा लिए थे..
दुर्गा शंकर मीणा का बाइक खरीदने का सपना हुआ साकार
दुर्गा डिलीवरी करके घर का खर्च भी नहीं चल पाता, बाइक कहां से लेते।दुर्गा को इस काम के लिए दस हज़ार मिलते थे। घर का खर्च चलाना ही मुश्किल हो रहा था बाइक लेने की बात तो दूर है। साइकिल से वह डिलीवरी बहुत ही कम टारगेट में पूरा कर पाता था। आदित्य शर्मा के डिलीवरी के बाद दुर्गा की किस्मत सोशल मीडिया के एक ट्वीट से चमक गयी और बाइक का सपना पूरा हो गया।