उत्तर प्रदेश (UP election 2022) में भाजपा सरकार (Yogi government) के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (swami prasad Maurya) ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य (swami prasad maurya) की समाजवादी पार्टी के (samajwadi party) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh) से भी मुलाकात हो चुकी है और वह सपा (samajwadi party) में शामिल हो चुके हैं। उनके साथ उनके कुछ समर्थक विधायक भी भाजपा छोड़ कर सपा में शामिल हो सकते हैं। टिकट के बंटवारे को लेकर उनका भाजपा (BJP) से विवाद चल रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। मैंने सामाजिक न्याय (social justice) के लिए लगातार संघर्ष किया है। आगे भी करता रहूंगा। मुझे जहां भी सामाजिक न्याय साकार होता दिखेगा, मैं वहीं रहूंगा। अपना इस्तीफा राजभवन भेजने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अपने तमाम सोशल मीडिया अकाउंट (Swami Prasad Maurya Facebook) पर इसकी जानकारी दी।
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उन्होंने लिखा, ‘दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की (Swami Prasad Maurya Twitter) घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश (UP Election 2022) के योगी मंत्रिमंडल (Yogi Cabinet) से इस्तीफा देता हूं।’ हांलाकि मौर्य (Swami Prasad Maurya अपनी बातों से ही मुकरते दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने भी कहा है कि फिलहाल वह बीजेपी (BJP) में ही हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ज्वाइन नहीं की है। माना जा रहा है इस दबाव की राजनीति के जरिए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) अपना कद बढ़ाना चाहते हैं, ताकि जिस पार्टी में भी वह रहें, वहां उनको अच्छी बढ़त हासिल हो सके। अब जब उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी हो गया स्वामी प्रसाद खुद एक बड़ा खुलासा कर रहे हैं। कल तक प्रदेश सरकार के रसूखदार मंत्री रहे स्वामी ने सरकारी संस्थानों में दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज के लोगों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया है।