प्रयागराज के महंत नरेंद्र गिरि कांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एसआईटी जांच में एक-एक करके नई-नई बातें निकल कर सामने आ रही हैं। हालांकि फिलहाल अपडेट ये है कि मामले की सीबीआई जांच के लिए यूपी की योगी सरकार ने सिफारिश कर दी है। इसके बावजूद जो फैक्ट्स निकल कर सामने आ रहे हैं वो काफी चौंकाने और खलबली मचाने वाले हैं। अब पूरे मामले में ऐसा खुलासा हुआ है कि अगर ये सच साबित होता है तो पूरे हिंदू समाज, संत समाज और इसी तरह करोड़ों अरबों मानने वालों को शर्मसार होना पड़ सकता है। क्या है वो राज? हम आपको बताएंगे उस बारे में। लेकिन इससे पहले आपको इस राज के बैकग्राउंड के बारे में बता देते हैं। ताकि आप इस बारे में समझ सकें। बीती 20 तारीख को इलाहाबाद के बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि की बॉडी लटकी पाई गई थी। शुरुआत में एक सुसाइड नोट मिलने की बात भी कही गई। शुरुआती जांच भी सुसाइड नोट के आधार पर ही आगे बढ़ी।
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सुसाइड नोट खुद में एक वसीयतनामा की तरह निकला। ये 11 पेज का था। इसमें मठ के उत्तराधिकारी से लेकर कौन सी प्रॉपर्टी किसके नाम की जाएगी, इसकी पूरी डिटेल दी गई थी। महंत के खास चेले बलवीर गिरि को उनका अगला उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। हालांकि बाद में मामले में अलग तरह की बातें सामने आने लगीं। मामले की सच्चाई से ज्यादा आनंद गिरी का नाम उछलने लगा। याद दिला दें कि आनंद गिरि का नाम भी महंत के कथित सुसाइड नोट में था। आनंद गिरि को महंत ने अपनी सुसाइड के लिए जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन इसके बाद अचानक एक वीडियो की बात सामने आई। कहां जा रहा था कि इसी वीडियो को लेकर आनंद गिरि महंत को ब्लैकमेल कर रहा था। इस कथित अश्लील वीडियो को पब्लिक करने की धमकी महंत को दी जा रही थी। और इस पूरे ब्लैकमेलिंग के जड़ में थी मठ की प्रॉपर्टी। जिसे आनंद गिरि अपने नाम पर किए जाने का दबाव डाल रहा था। इसके बाद आनंद गिरि की रंगीन मिजाज जिंदगी और उसकी लाइफ स्टाइल के चर्चे होने लगे। महंगी कारों, स्पोर्ट्स बाइक और तामझाम वाले कपड़ों में उसके वीडियो और तस्वीरें सामने आने लगीं। लोग खूब चटखारे लेकर ये खबरें देख रहे थे। लेकिन तभी इस खेल में एंट्री हुई 45 मिनट के एक और वीडियो की।

जिसने महंत की सुसाइड से जुड़े कई राज खोल दिए। ये वीडियो महंत की मौत के तुरंत बाद का था। जो मठ में ही शूट किया गया था। तो ये तो हुआ उस राज का बैकग्राउंड, जिसका खुलासा हम करने वाले हैं। अब आपको बताते हैं उस राज के बारे में। जिससे हिंदू समाज के शर्मसार होने का खतरा मंडरा रहा है। नरेंद्र गिरी ने पिछले कुछ सालों में अच्छी खासी प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। उनकी पॉपुलरटी तेजी के साथ बढ़ी थी। मुख्यमंत्री योगी और देश के प्रधानमंत्री तक के साथ उनका उठना बैठना था। महंत, संत समाज की सबसे प्रमुख संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे। इसीलिए वो अपने सबसे करीबी चेले आनंद से डरने लगे थे। उन्हें अपनी बदनामी का डर था। उन्हें डर था कि आनंद उनके कुछ कथित अश्लील वीडियो लीक करके उनको बदनाम कर सकता है। इसका जिक्र एसआईटी ने अपनी जांच में भी किया है। एसआईटी की जांच में जो धमाकेदार खुलासा हुआ है वो ये है कि मठ में लड़कियों का भी आना जाना था। एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि सुसाइड नोट में भी लड़कियों का जिक्र किया गया है। पुलिस अभी पता लगाने में जुट गई है ये लड़कियां कौन हैं। ये कहां से आती थीं? और महंत कांड में इनकी कितनी भूमिका है? आनंद गिरि महंत को धमकाता भी था कि वो अगर मठ का उत्तराधिकारी नहीं बन पाया तो ये वीडियोज पब्लिक कर देगा। क्या वाकई मठ में लड़कियां आती जाती थीं? इसे कंफर्म करने के लिए मठ में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है। बताया गया है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज काफी गम्भीरता से खंगाली जा रही है। आपको बता दें कि फिलहाल पुलिस जांच के बाद अब सीबीआई जांच को अपने हाथों में लेने की तैयारी कर रही है। अब तक की इन्वेस्टिगेशन में 2 अहम पॉइंट निकल कर सामने आए हैं। एक तो मठ का लड़की कनेक्शन दूसरा 45 मिनट का वो वीडियो जो महंत की मौत के बाद मौके पर बनाया गया था।
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