साल 2017 के बाद आखिरकार चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) और भतीजे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच मुलाकात हो ही गई। गुरुवार की दोपहर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की चुनावी माहौल में अचानक ही सपा (SP) और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के बीच गठबंधन के समीकरण बनने लगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अचानक ही चाचा शिवपाल के घर पहुंच गए। देखते ही देखते यह खबर वायरल हो गई। दरअसल, साल 2017 के बाद यह पहला ऐसा मौका था जब दोनों नेता आमने-सामने आए थे। बंद कमरे में दोनों नेताओं ने मुलाकात चलती रही और बाहर कयास लगते रहे। इसी के साथ कहा जा रहा है कि दोनों दलों के एकजुट होने के आसार भी बन सकते है।
इस बहुप्रतिक्षित मुलाकात की खबर मिलते ही दोनों दलों के कार्यकर्ता शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के घर के बाहर और सपा के प्रदेश कार्यालय पर एकजुट होने लगे। सभी चाचा-भतीजे की इस मुलाकात के बाद बनने वाले राजनीतिक समीकरणों को लेकर चर्चा करते दिख रहे है। वहीं, बंद कमरे में जो फैसले हो रहे हैं, उन्हें लेकर कयास जोरों पर है। अभी तक दोनों ओर से किसी प्रकार का बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, वर्तमान में ऐसा तो तय माना जा रहा है कि प्रदेश में सबसे बड़ा राजनीतिक दल कहा जाने वाली समाजवादी पार्टी परिवार एक बार फिर एकजुट होने वाला है। साल 2016 में इसी माह के आस-पास चाचा और भतीजे के बीच विवाद हो गया था। परिवार दो फाड़ होने के साथ ही पार्टी में भी अलगाव बन गया था।
इसके बाद से प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कई मंचों से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से गठबंधन करने की बात कही थी। भतीजे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से कोई बयान न आने पर उनका दर्द भी छलका था। इसी क्रम में गुरुवार को अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच हुई इस मुलाकात ने यूपी चुनाव 2022 में कई नए चुनावी समीकरणों को अंजाम देना शुरू कर दिया है।