उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक कॉलेज के बगीचे में नमाज अता करते हुए एक प्रोफेसर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। विडिओ वायरल होने पर हिंदुत्व संगठन से जुड़े विद्यार्थियों द्वारा कार्रवाई की मांग किए जाने के बाद कॉलेज प्रशासन ने शिक्षक को छुट्टी पर भेज दिया है। यह मामला श्री वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज का है, जहां मंगलवार को प्रोफेसर SR खालिद को एक महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया। रविवार को वायरल हुए वीडियो में खालिद कॉलेज के बगीचे में नमाज अदा करते दिखाई दे रहे हैं।
कॉलेज के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि भारतीय जनता युवा मोर्चा BJYM से जुड़े कुछ नेताओं द्वारा प्रोफेसर के खिलाफ अनुशासनहीनता और शांति व्यवस्था भंग करने का आरोप लगाए जाने के बाद इस मामले की जांच शुरू की गई। इस संबंध में क्वार्सी पुलिस थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने कहा कि कॉलेज प्राधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
कॉलेज के प्राचार्य अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि खालिद ने उन्हें कहा कि ‘वे जल्दबाजी में थे और उन्होंने पार्क में नमाज पढ़ ली।’ संस्थान के एक प्रवक्ता ने बताया कि “BJYM से जुड़े कुछ युवा नेताओं के शिक्षक पर ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप लगाया और यह कहने के बाद कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर नमाज पढ़कर शांति भंग करने की कोशिश की है, इसको देखते हुए मामले में एक जांच के भी आदेश दिए गए हैं।”
भाजपा की इस युवा इकाई के जिला उपाध्यक्ष अमित गोस्वामी ने बताया कि “यह एक ‘सुनियोजित साजिश’ का हिस्सा था।” गोस्वामी ने आगे कहा, “अध्यापन के बजाय सहायक प्रोफेसर कॉलेज परिसर में अपने धार्मिक परिधान में नमाज अदा कर रहे हैं। एक शिक्षक द्वारा इस तरह का आचरण छात्रों के बीच विभाजन पैदा करने का एक प्रयास है। यह कोई छिटपुट घटना नहीं है बल्कि राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार को बदनाम करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है।”
छात्र नेता दीपक शर्मा आजाद ने कहा कि “प्रोफेसर पर तुरंत कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेज देना चाहिए, जिससे की कॉलेज और शहर का शांति सौहार्द खराब न हो सके। अन्यथा की स्थिति में शहर का राष्ट्रवादी छात्र कॉलेज परिसर में हनुमान चालीसा पढ़ने को बाध्य होगा।” साथ ही कहा कि प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत का सिलसिला जारी रहेगा।
फिलहाल खालिद के खिलाफ कुछ साबित नहीं हो पाया है। शैक्षणिक परिसर में धार्मिक गतिविधियों का होना बेहद संवेदनशील विषय है। इस पर प्रशासन को जल्द कार्यवाई करनी चाहिए अन्यथा यह देश के शांतिपूर्ण सौहार्द को बिगाड़ सकता है।