काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद भोले के भक्तों को एक और सौगात मिली है। Indian Railway के खानपान एवं पर्यटन निगम IRCTC ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की घोषणा के मुताबिक Divya Kashi Yatra Train चला शुरू कर दी है। दिव्य काशी यात्रा’ आईआरसीटीसी की तरफ से चलाई गई एक खास एसी डीलक्स ट्रेन है। ये 22 जनवरी 2022 को शुरू की गई। यह यात्रा भारत सरकार की ‘देखो अपना देश’ स्कीम के अंतर्गत शुरू की गई है। भोले भक्तों की नगरी काशी के सभी प्रमुख मंदिरों और काशी विश्वनाथ मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इस यात्रा में शामिल प्रमुख तीर्थ स्थलों में से हैं। इस तीर्थ यात्रा के लिए चलने वाली यह टूरिस्ट ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से होकर वाराणसी पहुंचेगी, जहां पर प्राचीन सारनाथ स्मारक, वाराणसी के ऐतिहासिक घाट, भव्य काशी विश्वनाथ मंदिर और कॉरिडोर, मां गंगा की संध्या आरती, बीएचयू के संकट मोचन मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, दुर्गा मंदिर, भारत माता मंदिर के दर्शन यात्रा के दौरान सभी यात्रियों को करवाये जाएंगे।
इस तीर्थ यात्रा के लिए Railway के खानपान एवं पर्यटन निगम IRCTC ने इस डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन के साथ-साथ वाराणसी के होटल में रुकने का अरेंजमेंट, तीनों टाइम के खाने का इंतज़ाम और घूमने के दौरान बस की सुविधा को भी शामिल किया है। इतना ही नहीं इस यात्रा के दौरान टूर स्कॉउट और गाइड जैसी फैसिलिटीज भीमौजूद रहेंगी। इस धार्मिक यात्रा के लिए चलाई जा रही सर्किट ट्रेन भी काफी स्पेशल बताई जा रही है। ट्रेन के अंदर दो रेस्टोरेंट् चेयर कार भी उपलब्ध करवाए गए हैं। जहां ट्रेन में आए मेहमानों को तीनों वक़्त का सात्विक भोजन परोसा गया है। इसमें पढ़ने के लिए किताबें मौजूद हैं, यानि साफ है मोबाइल लाइब्रेरी भी मौजूद है। इसके साथ ही फुट मसाजर की भी व्यवस्था ट्रेन के अंदर ही कर दी गई है। ताकि यात्रियों को एक आरामदायक अनुभव प्राप्त हो सके।
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पीएम मोदी के फेवरेट प्रोजेक्ट में से एक दिव्या काशी यात्रा का सफर दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होकर तमाम तीर्थ स्थलों के अलावा ट्रेड सेंटर, क्राफ्ट म्यूजियम के भ्रमण के बाद वापस दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर ही समाप्त होगा। पूरी यात्रा के लिए रेलवे की नोडल एजेंसी बनाई गई आईआरसीटीसी के शीर्ष अधिकारियों में से एक सीएमओ आनंद झा ने बताया भोलेनाथ की नगरी काशी अपने आप में बहुत बड़ा इतिहास समाई हुई है। यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे प्राचीन धार्मिक स्थानों में से एक है। इस यात्रा के जरिए शिव नगरी काशी के कल्चर और विरासत से लोगों को जोड़ने की मुहिम शुरू की गयी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अगली दिव्य काशी यात्रा ट्रेन 22 मार्च 2022 को वाराणसी टूर पर निकलेगी।
आईआरसीटीसी यात्रा के लिए दो पैकेज जारी किए गए हैं। आईआरसीटीसी इनमें अलग -अलग तरह की कई सुविधाएं दे रहा है। अगर बात की जाए फर्स्ट एसी की तो इसकी कीमत 29,950 रुपये प्रति यात्री है और सेकंड एसी के लिए कीमत 24,500 रुपये प्रति यात्री फिक्स की गई है।आईआरसीटीसी की जो दूसरी दिव्य काशी यात्रा सर्किट ट्रेन 22 मार्च 2022 को चलेगी यह यात्रा 4 रात और दिन की होने वाली है।
आपको याद दिला दें कि काशी विश्वनाथ धाम की सूरत बदल गई है। अब गंगा किनारे वाराणसी के पुराने घाटों से सीधे बाबा विश्वनाथ तक पहुंचा जा सकेगा। सात तरह के पत्थरों से विश्वनाथ धाम को सजाया गया है। यहां आने वाले श्रद्धालु रुद्र वन यानी रुद्राक्ष के पेड़ों के बीच से होकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचेंगे। काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर 50 हजार वर्गमीटर में बना है। लेकिन क्या आप जानते हैं बनारस के इस काशी विश्वनाथ मंदिर पर एक हमला ऐसा भी हुआ था, जिसके बाद इस मंदिर का अस्तित्व ही खतरे में आ गया था। लेकिन तभी देश में हजारों सालों से धर्म की रक्षा करते आ रहे नागा साधुओं ने अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर इस मंदिर की रक्षा की थी। लेकिन कैसे ये मंदिर हजारों साल पहले ही लोगों की नजरों में आ गया था। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ इकलौता ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो उत्तर प्रदेश में स्थित है। काशी विश्वनाथ मंदिर को भगवान शिव और माता पार्वती का स्थान माना जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि सबसे पहले मोहम्मद गोरी ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर अटैक किया था और इसको बर्बाद कर दिया था।