दुनिया की जानी मानी इंटरनेट कंपनी टि्वटर के सीईओ जैक डोर्सी ने इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह भारत के पराग अग्रवाल को ट्विटर का नया सीईओ बनाया गया है। आपको बता दें पराग अग्रवाल आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं और उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
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पराग अग्रवाल के ट्विटर का सीईओ बनते ही इंटरनेट की दुनिया में भारत का डंका बज गया है। अब हर जानी मानी इंटरनेट कंपनी के मालिक भारत के लोग हैं। चाहे फिर वो गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई हों माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, अल्फाबेट के अरविंद कृष्णन या फिर पराग अग्रवाल। आइये आपको बताते हैं कि अब कैसे भारत इंटरनेट की दुनिया में राज करने जा रहा है। ट्विटर समेत सभी टॉप कंपनियों के हेड अब भारतीय होंगे। एक-एक करके आपको इनके बारे में बताते हैं। शुरुआत करते हैं ताजा तरीन सनसनी बने पराग अग्रवाल से।

अगर पराग अग्रवाल की बात करें तो वो मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री आईआईटी मुंबई से हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की डिग्री हासिल की। पराग ट्विटर कंपनी के सबसे कम उम्र के सीईओ हैं। इतना ही नहीं सभी प्रमुख इंटरनेट कंपनियों में भी वो फिलहाल सबसे युवा सीईओ बन गए हैं। सबसे खास बात यह है कि टि्वटर के सीईओ का पद छोड़ने वाले जैक डोर्सी ने खुद पराग अग्रवाल की जमकर तारीफ की है। जैक डोर्सी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में कंपनी के हर इंपॉर्टेंट फैसले के पीछे पराग अग्रवाल का ही दिमाग काम कर रहा है। उन्होंने कंपनी को बदलने में काफी मेहनत की है।
अगर पराग की बात करें तो वो साल 2011 में ट्विटर से जुड़े थे। साल 2017 में उन्हें ट्विटर का सीटीओ यानि चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बनाया गया। टि्वटर के सीईओ बनने के बाद पराग अग्रवाल को सालाना 7 करोड 50 लाख 54 हजार सालाना का पैकेज दिया जाएगा। इतना ही नहीं उन्हें ट्विटर के शेयर्स में भी कुछ हिस्सा दिया जाएगा। अगर पर्सनल लाइफ की बात करें तो पराग ने साल 2016 में विनीता अग्रवाल से शादी की थी। दोनों कपल का एक बेटा भी है जिसका नाम है अंश। फिलहाल पराग अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं।

अब बात करते हैं गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की। गूगल! यानि वो कंपनी, जिसका इस्तेमाल हम रोज करते हैं। जिसके एक क्लिक पर दुनिया की कोई भी जानकारी हमारे सामने हाजिर हो जाती है। सुंदर पिचाई की बात करें तो उन्होंने आईआईटी मद्रास से बीटेक की डिग्री हासिल की थी। सुंदर पिचाई बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं। उनकी पढ़ाई के लिए उनके पिता ने काफी मुश्किलें उठाई थीं। सुंदर पिचाई ने 2004 में गूगल जॉइन किया था। 2015 में उन्हें गूगल का सीईओ बनाया गया था। 2019 में उन्हें गूगल की की पैरंट कंपनी अल्फाबेट का भी सीईओ बना दिया गया था। सुंदर पिचाई इससे पहले गूगल क्रोम, टूलबार लाइक्स, गूगल एंड्राइड फोन ऑपरेटिंग सिस्टम का कामकाज भी संभाल चुके हैं।

अब बात करते हैं सत्या नडेला की। सत्या नडेला को 2014 में माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया था। सत्या नडेला लंबे समय से माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े रहे हैं। उन्होंने साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट ज्वाइन किया था। सत्या नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की सबसे महत्वपूर्ण चीजों पर काम किया है। उनकी वजह से ही कंपनी को क्लाउड कंप्यूटिंग पर शिफ्ट होने में मदद मिली।

अप्रैल 2020 में अरविंद कृष्णन को आईबीएम का सीईओ बनाया गया था। अरविंद ने आईआईटी कानपुर से बीटेक की डिग्री हासिल की है। अरविंद 1990 से ही आईबीएम से जुड़े रहे हैं। अरविंद ने यूनिवर्सिटी ऑफ इलियन्स से पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है। तो देखा आपने, किस तरह दुनिया भर में भारतीय इंटरनेट की दुनिया में अपना जलवा काट रहे हैं।