National Herald Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी ने आज शुक्रवार को पूछताछ के लिए राहुल गांधी को चौथी बार तलब किया था। लेकिन राहुल गांधी ने ईडी से अपनी मां सोनिया गांधी की सेहत का हवाला देते हुए उन्हें 17 से 20 जून तक पूछताछ के लिए पेश होने से छूट देने का अनुरोध किया। बताया जा रहा है कि ईडी ने राहुल के इस अनुरोध को मान लिया है।
जानकारी के मुताबिक ई़डी ने राहुल गांधी को 20 जून को नेशनल हेराल्ड मामले की जांच में शामिल होने के लिए नया समन जारी किया है। इसमें उनकी मां और अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बीमारी को देखते हुए एजेंसी को उनके अनुरोध को स्वीकार करने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से ईडी तीन दिन 13, 14 और 15 जून को पूछताछ कर चुकी है। ईडी राहुल गांधी से अबतक कई सत्रों में करीब 30 घंटे पूछताछ कर चुकी है। इससे पहले बुधवार को लगातार तीसरे दिन ईडी ने राहुल गांधी से दिनभर करीब 9 घंटे पूछताछ की थी। जांच एजेंसी राहुल गांधी से ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (AJL) और इसका स्वामित्व रखने वाली कंपनी ‘यंग इंडियन’ से जुड़े निर्णयों में उनकी निजी भूमिका के बारे में पूछताछ कर रही है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक ‘यंग इंडियन’ की स्थापना, ‘नेशनल हेराल्ड’ के संचालन और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को कांग्रेस द्वारा दिए गए कर्ज तथा मीडिया संस्था के भीतर धन के ट्रांसफर से जुड़े 15-16 सवाल राहुल गांधी के समक्ष रखे गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि राहुल गांधी की भूमिका और उनका विस्तृत बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि वह ‘यंग इंडियन’ में बड़े शेयरहोल्डर हैं तथा एजेएल और नेशनल हेराल्ड के मामलों में महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं।
अधिकारियों का कहना है कि तीन दिनों की पूछताछ के दौरान राहुल गांधी के बयान की ऑडियो एवं वीडियो रिकॉडिंग की गई। उनके बयानों को ए 4 आकार वाले कागज पर टाइप किया जा रहा है और मिनट-मिनट के आधार पर उन्हें दिखाया जाता है और हस्ताक्षर करवाया जाता है तथा इसके बाद जांच अधिकारी को इसे सौंपा जाता है।
कांग्रेस का कहना है कि यंग इंडिया एक गैर-लाभकारी संस्था है और इसलिए शेयरधारक इसकी संपत्ति से कोई पैसा नहीं कमा सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने तर्क दिया है कि यंग इंडिया ने कोई धर्मार्थ कार्य नहीं किया है। इसका एकमात्र लेन-देन एजेएल के कर्ज का हस्तांतरण था। कांग्रेस ने इसका प्रतिवाद किया है। आयकर आदेश को अदालत में चुनौती दी गई है और यह उच्चतम न्यायालय में लंबित है।