रूस ने युक्रेन पर पर अटैक कर दिया है। दोनों देशों के बीच इस तरह के हालात बन रहे हैं उससे पूरी दुनिया चिंता में पड़ गई है। जिस तरह से अमेरिका और नाटो ने पहले रूस को भरोसा दिलाया था लेकिन अब वह आग लगाने के बाद दूर से हाथ सेंकते दिखाई दे रहे हैं। बहरहाल जो भी हो लेकिन यूक्रेन फ़िलहाल संकट में पड़ता दिखाई दे रहा है, और यूक्रेन में रह रहे तमाम देशों के नागरिक भी परेशान हो रहे हैं। भारत के भी 18000 से ज्यादा स्टूडेंट्स वहां फंसे हुए हैं। एक बात सामने आ रही है जो भारत के लोगों को जानना बहुत जरूरी है। जैसे ही रूसी प्रेसीडेंट पुतिन ने यूक्रेन पर अटैक की घोषणा की थी, यूक्रेन के एम्बेसडर ने भारत में मीडिया के सामने आकर अपील की थी और प्रधानमंत्री से पूरे मामले में दखल देने का अनुरोध किया था।
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पूरे मामले पर यूक्रेन के एंबेस्डर इगोर पोलिखा ने कहा कि भारत के इस मसले में प्रधानमंत्री एक मजबूत आवाज बनकर उभर सकते हैं। उन्हें इस मामले में दखल देना चाहिए। वह पुतिन से बात कर सकते हैं वह हमारे राष्ट्रपति से भी बात कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत ने कई बार शांति बहाली के रूप में काम किया है और एक बार फिर भारत को आगे बढ़ने की जरूरत है।
आपको बताना जरूरी है की पूरे मामले में जिस तरह से चीजें हो रही हैं, यूक्रेन के एम्बेसडर ने कहा है कि भारत शांतिप्रिय देश का है और भारत की दखल से कई जगह शांति बहाल हुई है। इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार रूस ने जैसे ही अटैक किया, उसके बाद पहले ही दिन या 147 लोग मारे जा चुके हैं लेकिन यूक्रेन के हाई कमिश्नर के अनुरोध के बाद पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की और लगातार उन्हें समझाया कि किस तरह से दोनों देशों के बीच शांति स्थापित की जा सकती है पीएम मोदी ने अनुरोध भी किया कि शांतिपूर्वक समाधान इस मामले का निकाला जाना चाहिए लेकिन इस मौके पर जो बात आप जानना चाहते थे, वह सामने आ गई है। पुतिन ने खुद पीएम मोदी को पूरी बात बता दी है। उन्होंने बताया कि क्या कारण है कि रूस को ये अटैक करना पड़ा है। सबसे अहम ये है कि पीएम मोदी की राष्ट्रपति पुतिन बातचीत का आधार दिल्ली में यूक्रेन की ओर से की गई इमोशनल अपील ही थी। जिसमें यूक्रेन के राजदूत ने भारत और रूस के बेहतर संबंधों की याद दिलाते हुए पीएम मोदी से बातचीत करने और टेंशन खत्म कराने की अपील की थी।
इसके कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सीसीएस यानी केबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी की मीटिंग ली, जिसमें पुतिन के साथ टेलीफोन पर बात करने का डिसीजन लिया गया। खास बात यह कि पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ भारत की ओर से विस्तार से बात की। अहम बात यह है कि पुतिन फिलहाल अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के नेताओं की भी एक नहीं सुन रहे हैं। मोदी ने यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय नागरिकों खासतौर पर इंडियन स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी के बारे में भी भारत की चिंताओं से रूसी राष्ट्रपति को अवगत करवा दिया है।
अब से 2 घंटे पहले ही विदेश मंत्रालय ने इस बारे में नई एडवाइजरी जारी की है।
प्रधानमंत्री दफ्तर के मुताबिक, पीएम मोदी ने तुरंत हिंसा रोकने की अपील की तथा सभी पक्षों से द्विपक्षीय बातचीत कर शांति बहाली का आवाह्न किया। रूसी ने भी मोदी-पुतिन की बातचीत को लेकर बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मोदी ने वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए हायता मांगी है। इस पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ‘आवश्यक निर्देश’ दिए जाएंगे। पीएमओ ने कहा कि नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल आपसी हितों के मुद्दों पर नियमित कॉन्टैक्ट बनाए रखेंगे।
कहा जा रहा है कि भारत सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव कम करने के लिए दबाव बना रहा है। मोदी-पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत रूसी हमले के बाद यूक्रेन के भारत का सपोर्ट मांगे जाने के कुछ घंटों बाद हुई है। पुतिन से प्रधानमंत्री मोदी की इस वार्ता से पहले यूक्रेन ने कहा था कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है।
बहरहाल, यूक्रेन में तेजी से बदलती स्थिति पर भारत करीब से नजर रख रहा है। यूक्रेन में फिलहाल 20 हजार से भी ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं। इनमें अधिकतर स्टूडेंट्स हैं। अगर बात करें तो महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के CMs ने खुद केंद्र सरकार से बच्जों की सेफ्टी इंश्योर करने को कहा है।