अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद हालात बद से बदतर हो चुके हैं। हालात इतने बेचैन करने वाले हैं कि उनके विडियोज फोन या टीवी पर देखना भी मुश्किल हो रहा है। लेकिन बड़ा सवाल ये सबके मन मे घूम रहा था कि अफगानिस्तान में जो हुआ है उससे भारत सरकार क्या सबक लेगी या फ़्यूचर को देखते हुए क्या कड़े फैसले लेगी।

भारत सरकार का तो पता नहीं लेकिन यूपी की योगी सरकार ने जरूर इस खेल में बाजी मार ली है और भविष्य में कम से कम यूपी में ऐस कोई घटना न हो इसके लिए एक्शन लेना शुरू कर दिया है। जी हाँ , आपको बता दें कि आज लिए एक बड़े फैसले में योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा ऐलान कर दिया। इस फैसले में दुनिया भर के मुसलमानों के लिए इस्लाम के गढ़ माने जाने वाले देवबन्द में कमांडों सेंटर बनाने की घोषणा कर दी है। ये फैसला किसी भी आतंकवादी घटना को रोकने के लिए किया गया है। देवबन्द में ATS कमांडों सेंटर बनाया जाएगा। खास बात ये है कि इन कमांडोज को खुद आर्मी और एसपीजी यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के अफसर ट्रेनिंग देंगे। इनकी ट्रेनिंग में इन्हें हर वो पैंतरा सिखाया जाएगा जो आतंकवादी घटना के दौरान निपटने में काम आता है। आपको बता दें कि लखनऊ और नोएडा में पहले से ही ऐसे 2 ट्रेनिंग सेंटर बनाने का काम चल रहा है।
तालीबान की बर्बरता के बीच यूपी की खबर भी सुनिए,योगीजी ने तत्काल प्रभाव से ‘देवबंद’ में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है,युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है,प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी। pic.twitter.com/cBcFqwEtYK
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) August 17, 2021
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अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस काम के लिए देवबन्द को ही क्यों चुना गया। तो हम आपको बता दें कि देवबन्द सुन्नी मुसलमानों का बड़ा सेंटर है। यहां भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों के सुन्नी मुस्लिम कई सालों से आते रहे हैं। इसे इस्लामी शिक्षा का गढ़ माना जाता है। लेकिन एक लम्बे टाइम से ये अपने फतवों और आतंकी क्नेक्शंस के कारण चर्चा में रहा है।

लगातार यहां से आतंकवादी निकलते रहे हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में अमेरिकी एक्शन में मारा गया मौलाना असीम उमर में साल 1993 में यहीं से पढ़ाई की थी। इसके अलावा यहां से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बांग्लादेशी एजेंट्स पकड़े जा चुके हैं। साल 2019 में यहां से जैश ए मोहम्मद के शहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को गिरफ्तार किया था, जिन्हें पुलवामा अटैक के बारे में पहले से पता था। देवबंद में 300 से भी ज्यादा मदरसे हैं। लेकिन यहां के दारूल उलूम में दूर देशों से भी लोग पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन हाल फिलहाल के सालों में इसका नाम आतंकी कनेक्शन, आतंकवादियों को पनाह देने में लगातार आया था। इसके अलावा देवबंद चूंकि सहारनपुर में पड़ता है तो यहां कमांडो सेंटर बनाने से वेस्ट यूपी का मेरठ तक का एरिया कवर हो सकेगा।
आपको बता दें कि इस पूरे सेंटर को बनाने के लिए सरकार ने 2 हजार स्क्वॉयर मीटर जमीन भी अलॉट कर दी है। इसके अलावा 18 तेज तर्रार अफसरों को छांट कर यहां अपॉइंट किया जाएगा।

कुछ महीनों पहले दिल्ली पुलिस ने कुछ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था जिनका देवबन्द कनेक्शन निकला था। इसके बाद दिल्ली पुलिस इन्हें लेकर देवबन्द भी आई थी। पूछताछ में सामने आया था कि इनके ग्रुप को पाकिस्तान का एक आदमी आपरेट कर रहा था। इनके ग्रुप का नाम जिहाद था और इनके साथ तेलांगना, देवबन्द और दिल्ली के लोग जुड़े हुए थे।