National Herald Case: यूं तो भ्रष्टाचार और लूट-खसूट के कई मामले आप सुनते और देखते होंगे। देश में भी कई बड़े-बड़े घोटाले हुए। कोयला घोटाला, 2g घोटाला और सबसे चर्चित चारा घोटाला जो कि अब तक चल रहा है। इन सब घोटालों में कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी का नाम भी है। अब एक और घोटाले की पोल खुली है और इसकी गाज भी कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार पर गिरी है। ये घोटाला नेशनल हेराल्ड से सम्बंधित है।
तो चलिए आपको बताते है आखिर ये नेशनल हेराल्ड है क्या?
नेशनल हेराल्ड की स्थापना जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर 1938 में की थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। उस वक्त AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी।
इसके बाद टीएजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर ‘यंग इंडियन ‘ को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी ‘यंग इंडियन’ को मुफ्त में TAJL का स्वामित्व मिल गया।
ये तो रही नेशनल हेराल्ड की स्थापना और हिस्सेदारी की बात लेकिन इस घोटाले की फाइलें अब क्यों खुल रही है और इस मामले में दागदार कौन-कौन है …
दरअसल, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है।
इसके साथ ही सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इसमें स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि, इस केस में ED की एंट्री साल 2015 में हुई। इस मामले में उन कांग्रेस नेताओं के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं, जो नेशनल हेराल्ड और AJL में पदाधिकारी थे।
तो चलिए आपको बताते हैं केस में अब तक क्या-क्या हुआ –
- नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और। सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए। ये सभी कांग्रेस से जुड़े हैं।
- 26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।
- 1 अगस्त 2014 के ED ने इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
- मई 2019 में इस केस से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया।
- 19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी।
- 9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।
- कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अगली सुनवाई तक कोई आदेश पारित नहीं होगा।
- प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए सोनिया गांधी को 8 जून वहीं राहुल गांधी को 13 जून को पेश होने को कहा।