उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में छठे चरण का मतदान हो रहा है इसके बाद मात्र एक चरण का मतदान शेष रह जायेगा। सातवें चरण के चुनाव के लिए राजनितिक पार्टियां एड़ी से चोटी जोर लगा रहीं है। इसी क्रम में आज पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जनसभा की। अखिलेश यादव की इस जनसभा में सपा के गठबंधन पार्टियों के नेता भी शामिल हुए। वहीं बनारस की रैली में अखिलेश यादव का सर्थन करने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) पहुंची। इस रैली में राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) के नेता जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) भी मौजूद थे। अखिलेश यादव ने कहा कि ममता बनर्जी के काशी आने के बाद से भाजपा तिलमिला गई है। अभी तो सात मार्च को भाजपा का सफाया होने वाला है। मैदान का उत्साह बता रहा है कि पूर्वांचल की जनता भाजपा के सफाए का मन बना चुकी है।
झूठा वादा कर भाजपा सत्ता में आयी
वाराणसी में अखिलेश ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए बीजेपी पर झूठा वादा करने का आरोप लगाया और कहा, ‘बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है लेकिन डबल इंजन की सरकार का कामकाज देख कर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि दुनिया में कोई और पार्टी इतना झूठ नहीं बोलती होगी जितना बीजेपी के नेता बोलते हैं। बीजेपी किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा वादा करके सत्ता में आई थी। सवाल यह है कि क्या किसानों की आमदनी दोगुनी हुई। क्या हमारे युवाओं को नौकरियों के लिए 5 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ा।’
बीजेपी ने हवाई जहाज और एयरपोर्ट ही बेच दिए
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने रोजगार के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुआ कहा, ‘बीजेपी के लोग कहते थे कि हवाई चप्पल पहनने वाले को हवाई जहाज की यात्रा कराएंगे लेकिन उन्होंने तो हवाई जहाज और एयरपोर्ट ही बेच दिए। इसके अलावा बंदरगाह भी बेच डाले।’ सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जब सरकार की सभी संपत्तियां और सार्वजनिक उपक्रम बेच दिए जाएंगे तो लोगों को नौकरियां कैसे मिलेगीं। उन्होंने कहा, ‘ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी।’ सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश का मौजूदा विधानसभा चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने का चुनाव है।
अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा ने वाराणसी को क्योटो जैसा बनाने का सपना दिखाया था लेकिन उसने शहर को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि वाराणसी के लोग भाजपा को इस झूठ के लिए सबक सिखाएंगे। यह चुनाव क्योटो बनाने की बात करने वालों और बनारसी मतदाताओं के बीच है।