ईवोक टीवी नेटवर्क : खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कद के बराबर आंकने वाली त्रिणमूल कांग्रेस (Trinmook Congress) प्रमुख ममता बनर्जी अपनी पार्टी के विस्तारवादी यात्रा के दौरान वाराणसी भी पहुंचने वाली हैं। वाराणसी (Varanasi) प्रधानमंत्री का संसददीय क्षेत्र है। यहां की जनता प्रधानमंत्री पर आंख मूंद कर भारोसा करते हैं। यहां त्रिणमूल कांग्रेस (TMC) का लेस मात्र भी जनाधार नहीं है, लेकिन पूर्वांचल का पार्टी मुख्यालय त्रिणमूल वाराणसी में ही बनाना चाहती है। मायने साफ है- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ में सेंध। भाजपा को किसी भी हालत में नुकसान पहुंचाना ही त्रिणमूल का असली खेला है।
तृणमूल कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को अपना समर्थन देने के संकेत तो पहले ही दे रखे हैं, लेकिन इसी बहाने पार्टी अपनी संभावना भी तलाशेगी। त्रिणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता दीदी वाराणसी से मोदी सरकार को महंगाई, किसान आंदोलन और अन्य मुद्दों पर घेरने के मूड में हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी (Kamlapati Tripathi) के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी और उनके पिता राजेशपति त्रिपाठी (Rajeshpati Tripathi) के 25 अक्टूबर को सिलीगुड़ी में त्रिणमूल में शामिल होने से ममता दीदी को यूपी में आशा की किरण दिखने लगी है।
ललितेशपति त्रिपाठी ने रविवार को पीटीआई से बातचीत में साफ कहा कि उनका एक ही लक्ष्य है कि ये ताकतें यानी भाजपा पराजित हों। इस लड़ाई में उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को साथ देने की बात कही। उन्होंने जनवरी के दूसरे सप्ताह में ममता दीदी के वाराणसी दौरा की संभावना से इनकार नहीं किया। यह भी कहा कि टीएमसी विचार कर रही है कि यूपी में वह खुद को कैसे मजबूत करे। ललितेशपति त्रिपाठी ने यह भी कहा कि पार्टी का पूरा ध्यान अभी गोवा और त्रिपुरा पर है। उनकी पार्टी यूपी विभानसभा चुनाव के मैदान में नहीं है। त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी की पूर्वांचल इकाई का कार्यालय वाराणसी में बनाना है। उन्होंने कहा कि ममला बनर्जी में प्रधानमंत्री मोदी से लड़ने की क्षमता है।